दिल्ली में कृषि भूमि के सर्कल रेट 2008 के बाद से नहीं बढ़े हैं। जबकि सर्किल रेट हर 5 साल के बाद बढ़ाने का प्रावधान है, सर्किल रेट न बढ़ने की वजह से दिल्ली के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है
(दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ नरेश कुमार)
नई दिल्ली(नया भारत 24 ब्यूरो)मुंडका विधानसभा स्थित रानीखेड़ा में मंगलवार को सम्पन्न किसानों की महापंचायत के बाद कांग्रेस ने कृषि भूमि का सर्किल रेट बढ़ाने की मांग की है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ नरेश कुमार ने इस बाबत उपराज्यपाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा।
डॉ नरेश कुमार ने कहा कि दिल्ली में कृषि भूमि के सर्कल रेट 2008 के बाद से नहीं बढ़े हैं। जबकि सर्किल रेट हर 5 साल के बाद बढ़ाने का प्रावधान है। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट 53 लाख प्रति एकड़ है, और वहीं जो जमीन यमुना के किनारे स्थित है उसका 17.60 लाख प्रति एकड़ ही है। डॉ नरेश कुमार ने कहा कि सर्किल रेट न बढ़ने की वजह से दिल्ली के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों की जमीन का अधिग्रहण होता है तो उसमें सर्कल रेट का 4 गुना मुआवजा मिलने का प्रावधान है। अत: सर्कल रेट नहीं बढ़ेंगे तो मुआवजा अधिक नहीं मिलेगा।
गौरतलब ही किहाल ही में UER 2 रोड में दिल्ली के किसानों की जमीन अधिग्रहण (एक्वायर) है उसमें मुआवजा 2 करोड़ 12 लाख रुपए प्रति एकड़ के लगभग हिसाब से मिला। अगर सर्किल रेट अधिक होता तो उसको 15 करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिलता।
ज्ञापन में कहा गया है कि दिल्ली के मुकाबले हरियाणा और उत्तरप्रदेश में जमीनों का अधिग्रहण रेट अधिक है। डॉ नरेश कुमार ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार और एलजी कार्यालय के बीच बेहतर संवाद ना होने के वजह से सर्किल रेट पर राजनीति हो रही है जिसमें दिल्ली का किसान पीस रहा है।दिल्ली के सर्कल रेट जल्द नहीं बढ़ाएं गए तो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव के नेतृत्व में दिल्ली के किसानों की लड़ाई सड़क और न्यायालय में लड़ी जाएगी।