महमूदिया मॉडर्न पब्लिक स्कूल ने मनाया 25वां वार्षिक दिवस

प्रतिभावान विद्यार्थियों और शिक्षकों को किया गया सम्मानित

नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)पूर्वी दिल्ली स्थित महमूदिया मॉडर्न पब्लिक स्कूल में सोमवार को 25वां वार्षिक दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता क़ारी अब्दुल वाजिद अशरफी ने की, जबकि मंच संचालन विद्यालय के प्रधानाचार्य हाफिज शकील अहमद ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में सीलमपुर विधानसभा के विधायक चौधरी जुबैर अहमद कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे।

समारोह की शुरुआत हाफिज मुहम्मद ओबैद द्वारा पवित्र कुरान की तिलावत से हुई, जिसके बाद छात्रा शाफिया ने नात-ए-पाक पेश की। समारोह में बड़ी संख्या में अभिभावकों, विद्यार्थियों और अतिथियों ने भाग लिया। विशिष्ट अतिथियों में हाजी शमीम अहमद, अल्ताफ वारसी, अबरार अहमद सैफी, डॉ. शाहिद मुहम्मद औसाफ, मुहम्मद रफी, नदीम शादाब कुरेशी, सलीम नदीम शम्सी, हकीम मुजाहिदुल इस्लाम असदुल्ला खान और हाफिज मुहम्मद आमिर शामिल रहे।

इस अवसर पर वर्ष भर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 35 विद्यार्थियों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार तथा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। साथ ही शिक्षकों को उनके योगदान के लिए विशेष सम्मान से नवाजा गया।

पुरस्कृत शिक्षकों की सूची:

  1. सर्वश्रेष्ठ लेखाकार: सुश्री शाहीन
  2. सर्वश्रेष्ठ परीक्षक: सुश्री नगमा
  3. सर्वश्रेष्ठ अनुशासन: सुश्री रोशन
  4. सर्वश्रेष्ठ उर्दू भाषा: सुश्री सीमा
  5. सर्वश्रेष्ठ विज्ञान: सुश्री इकरा
  6. सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक गतिविधि: सुश्री गुल अफशां
  7. सर्वश्रेष्ठ कला एवं शिल्प: सुश्री आरजू
  8. सर्वश्रेष्ठ नर्सरी अध्यापिका: सुश्री जैनब
  9. सर्वश्रेष्ठ गतिविधि: सुश्री सबा
  10. सर्वश्रेष्ठ हिडन सलाहकार: सुश्री फाइज़ा
  11. सर्वश्रेष्ठ अध्यापिका: सुश्री रेहाना शबिया

 

मुख्य अतिथि चौधरी जुबैर अहमद ने विद्यालय के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि किसी भी स्कूल की असली पहचान उसकी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा से होती है, न कि केवल भव्य इमारतों से। उन्होंने कहा कि दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन के लिए हमारी बेटियों को उच्च शिक्षा से लैस करना होगा।

कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाचार्य हाफिज शकील अहमद ने सभी अतिथियों, अभिभावकों और छात्रों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “हमें अपने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अदब, तहज़ीब और अच्छी आदतें भी सिखानी चाहिए ताकि एक बेहतर समाज का निर्माण हो सके। हमें समकालीन और धार्मिक शिक्षा का संतुलन बनाना होगा ताकि हमारा अगला पीढ़ी हर क्षेत्र में अग्रणी बन सके।”

उन्होंने अंत में कहा, “अल्लाह तआला हमें ज्ञान को आसमान की ऊंचाइयों तक प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करे, आमीन।”