प्राक्टर प्रो. रजनी अब्बी की अध्यक्षता में गठित सिमिति सात दिन में जांच पूरी कर डीयू प्रशासन को रिपोर्ट सौंपेगी।
नई दिल्ली(नया भारत 24 ब्यूरो)दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) कार्यालय में की गई तोड़फोड़ के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन ने चार सदस्यीय जांचा समिति का गठन किया है। प्राक्टर प्रो. रजनी अब्बी की अध्यक्षता में गठित सिमिति सात दिन में जांच पूरी कर डीयू प्रशासन को रिपोर्ट सौंपेगी।
डीयू कुलसचिव डा. विकास गुप्ता की ओर से गठित समिति में प्राक्टर के अलावा डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रंजन कुमार त्रिपाठी, डूसू के स्टाफ एडवाइजर प्रो. सुरेंद्र कुमार और ज्वाइंट प्राक्टर प्रो. गीता सहारे को सदस्य बनाया गया है।
गौरतलब है कि रविवार तड़के डूसू कार्यालय पर हमला किया गया था। मुख्यतौर पर डूसू अध्यक्ष के कार्यालय को नुकसान पुहंचाया गया था। कमरे का दवाराजा, खिड़कियों की ग्रिल, एयर कंडिशनर, सजावट के लिए लगाए कांच, एलईडी टीवी, कंप्यूटर को तोड़ दिया गया। यहां लगी स्वामी विवेकानंद की तस्वीर को भी नुकसान पहुंचाया गया। राम मंदिर की प्रतिकृति को भी तोड़ दिया गया। दराज में रखी घड़ी लूट ली गई। इसके अलावा डूसू सचिव अपराजिता और सह सचिव सचिन बैसला के कक्ष के दरवाजे तोड़े गए।
डूसू अध्यक्ष ने आरोप लगाए हैं कि एनएसयूआइ सदस्य और डूसू उपाध्यक्ष अभि दहिया उन पर डूसू फंड के 18 लाख रुपये गबन करने का दबाव बना रहे थे। जब तुषार उनके खिलाफ खड़े हुए तो उन्होंने उन्हें बदनाम करने और उन पर हमला करने का फैसला किया। अभि दहिया ने अपने 40 से अधिक समर्थकों और गुंडों को बुलाया और डूसू अध्यक्ष के आने का इंतजार करते हुए अपने कार्यालय में शराब पी। फिर 14 जुलाई को सुबह करीब 3 बजे नशे में मेरे कार्यालय पर हमला किया और तोड़फोड़ की।
दूसरी ओर, अभि दहिया ने आरोप लगाया है कि रविवार सुबह तीन बजे डूसू अध्यक्ष अपने समर्थकों के साथ आए और मेरे कार्यालय में तोड़फोड़ की। अध्यक्ष की 12वीं की जाली मार्कशीट को उजागर करने के लिए मेरे पर हमला किया गया है। तुषार डेढ़ा की शिकायत के आधार पर मारिस नगर पुलिस ने अभि दहिया पर प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।