नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)मुस्लिम जाट बिरादरी की अहम शख्सियत हाजी नाजिम अली 24 नवम्बर को तकरीबन सुबह 7 बजे 78 साल की उम्र में अपने रब्बी ज़ुल जलाल से जा मिले। हाजी नाजिम अली न्यू सीलमपुर में रिहायश पजीर थे। मरहूम ज़िला मुजफ्फरनगर के गांव हरसौली के रहने वाले थे।तदफिन आबाई वतन हरसोली में हुई।
मुस्लिम जाट बिरादरी की सरकरदा शख्सियत ने उनके इंतिक़ाल पर इंतिहाई रंज ओ ग़म का इज़हार करते हुए समाज व बिरादरी का बड़ा ख़सारा क़रार दिया। ज्ञात हो कि हाजी नाजिम अली मुस्लिम जाट बिरादरी के सदर होने के साथ साथ मुख्तलिफ समाजी व तालामी कार्यों से जुड़े हुए थे। वो मदरसा मिसबाहउल कुरान के सरपरस्त की हैसियत से एक अरसे से बख़ूबी अपने फ्राइज़ अंजाम दे रहे थे। उनके इंतिक़ाल से जो खला पैदा हो गया है उसको भर पाना बहुत मुश्किल है।
मुस्लिम जाट बिरादरी व समाज में उनके मुंफरीद कामों के लिए हमेशा याद किया जायगा। समाज की मुअज्जिज़ शख्सियत ने उनके ऐसाल ए सवाब की अपील की। इज़हार ए ताज़ियत करने वालों में मुफ्ती हारून,मसूद खान,ज़हीर चौधरी, हाजी बाबर चौधरी, हाफ़िज़ ताहिर, दानिश चौधरी व मास्टर अरशद चौधरी वगैरह के नाम उल्लेखनीय है।