शकूर बस्ती से विधानसभा सदस्य करनैल सिंह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर कहा कि सड़कों पर नमाज पढ़ने से ट्रैफिक जाम हो जाता है जिससे लोगों को परेशानी होती है
दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. नरेश कुमार ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की और इसे धर्मनिरपेक्ष भारत के खिलाफ करार दिया
नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क) राजधानी दिल्ली में बीजेपी के नेतृत्व वाली नई सरकार का गठन हुए एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन इस बीच बीजेपी विधायकों ने अन्य राज्यों की तरह राजधानी दिल्ली के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं , नई सरकार के पहले महीने की शुरुआत में विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने मुस्तफाबाद का नाम बदलने और बुलडोजर कार्रवाई की चेतावनी देकर माहौल को खराब करने की कोशिश की।
इसके अलावा पटपड़गंज से बीजेपी विधायक रविंदर सिंह नेगी भी मुसलमानों के खिलाफ जम कर बयान बाजी कर रहे हैं. कभी ये मांस बेचने वाले मुस्लिम दुकानदारों को परेशान करते हैं तो कभी मुस्लिम नाम लिखने के नाम पर दुकानें बंद करने की धमकी देते हैं. पिछले दिनों रविंदर सिंह नेगी ने नवरात्रि के मौके पर पूरी दिल्ली में मीट की दुकानें बंद करने की मांग कर दिल्ली का माहौल खराब करने की कोशिश की थी।
इस बीच अब दिल्ली के शकरपुर बस्ती से बीजेपी विधायक करनैल सिंह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग की है , गौरतलब है कि करनैल सिंह ने यह मांग तब की है जब रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और अलविदा जमा और ईद नजदीक है।करनैल सिंह ने पुलिस कमिश्नर को भेजे पत्र में लिखा है कि हमारे शहर में सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने से ट्रैफिक जाम पर असर पड़ता है, जिससे आम लोगों को परेशानी होती है, कई बार एंबुलेंस, स्कूल बस समेत सभी जरूरी सेवाएं भी प्रभावित होती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम सभी को अपने-अपने धर्मों का पालन करने का अधिकार है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक व्यवस्था और यातायात प्रभावित न हो। उन्होंने पुलिस कमिश्नर से अपील करते हुए कहा कि प्रशासन इस संबंध में जरूरी कदम उठाए और यह सुनिश्चित करे कि धार्मिक गतिविधियां निर्धारित और निजी स्थानों पर ही हों। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आप इस मामले को गंभीरता से लेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
वहीं कांग्रेस ने बीजेपी विधायक की सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग की कड़ी निंदा की है और इस मांग को भारत की सदियों पुरानी गंगा जमुनी सभ्यता और धर्मनिरपेक्ष भारत के खिलाफ बताया है। दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि जो लोग देश की गंगा-जमुनी सभ्यता को नष्ट करना चाहते हैं, मैं उनका पुरजोर विरोध करता हूं और उनके द्वारा की गई मांग की निंदा करता हूं , सालों से राजधानी दिल्ली में भाईचारे का माहौल रहा है, जहां सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे के त्योहारों को प्रेम के साथ मिलकर मनाते हैं। सड़कों पर नमाज पढ़ने की समस्या कोई बड़ी नहीं है, ऐसा पहले भी हो चुका है।
उन्होंने कहा कि पहले जो व्यवस्थाएं थीं, उनमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए और धर्म या जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए । डॉ. नरेश कुमार ने आगे कहा कि बीजेपी नेताओं को दिल्ली में समाज में नफरत फैलाने वाली बयान बाजी से बचना चाहिए क्योंकि वे 27 साल बाद सरकार में लौटी है, अगर ये सब ऐसे ही चलता रहा तो दिल्ली की जनता 2030 में उसको सत्ता से बाहर कर देगी।