आइसा और एमएसएफ सहित अन्य छात्र संगठनों के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने वक्फ संशोधन विधेयक को अवैध बताते हुए इसे जलाया और सरकार से काले कानून को रद्द करने की मांग की।
“प्रदर्शनकारियों ने कहा वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों के लिए खतरा है”
नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद वक्फ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों में पास हो गया है। अब भारत की राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वक्फ बिल वैध हो जाएगा और जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.इस दौरान वक्फ संशोधन बिल की विरोध में देश भर में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है।इस कड़ी में आज जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर छात्रों ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) और अन्य छात्र संगठनों के नेतृत्व में छात्र जामिया के गेट नंबर 7 के बाहर एकत्र हुए और हाथों में तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे।इस बीच, जामिया के बाहर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की एक टुकड़ी भी तैनात की गई, हालांकि किसी भी छात्र को हिरासत में लिए जाने की कोई खबर नहीं है। विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने वक्फ संशोधन विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए इसके खिलाफ अपने आंदोलन को मजबूत करने की बात कही है।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान जामिया प्रशासन ने अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करते हुए विश्वविद्यालय के सभी गेट बंद कर दिए ताकि कोई भी छात्र प्रदर्शन में शामिल न हो सके और किसी भी छात्र को विश्वविद्यालय में प्रवेश या बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई, हालांकि छात्रों की बढ़ती संख्या और लगातार दबाव के कारण प्रशासन को गेट खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने वक्फ संशोधन विधेयक के पीछे सरकार की मंशा और उसके सांप्रदायिक उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि यह विधेयक संविधान के मौलिक अधिकारों, विशेषकर अनुच्छेद 26, जो धार्मिक मामलों में स्वतंत्रता की गारंटी देता है, का उल्लंघन करता है। उनका कहना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाता है, जिससे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों को खतरा है
आइसा के द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि वक्फ संशोधन विधेयक अवैध है और इसके खिलाफ शुरू किए गए प्रतिरोध को दबाने के जामिया प्रशासन के प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा , हम चुप कराने के हर प्रयास का विरोध करेंगे, सांप्रदायिक और असंवैधानिक विधेयक के खिलाफ हमारी लड़ाई पहले से भी अधिक मजबूत और एकजुट होकर जारी रहेगी।
गौरतलब है कि वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 को हाल ही में संसद द्वारा (राज्यसभा में 95 के मुकाबले 128 वोटों से) (लोकसभा में 232 के मुकाबले 288 वोटों से) पारित किया गया था, हालांकि, इस बिल पर देश भर में, खासकर मुस्लिम संगठनों और विपक्ष की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया देखी गई है। 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में जामिया के छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था, वक्फ बिल पास होने के बाद जामिया के छात्रों ने सबसे पहले दिल्ली में अपनी आवाज उठाई है और सरकार को लड़ाई जारी रखने की चेतावनी दी है।