डॉ. अज़रा ने कहा कि टीबी का सही और पूरा इलाज कराने से यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है।
नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)आज की व्यस्त जीवनशैली में सेहत का ख्याल रखना कई लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। प्रगति मैदान में चल रहे 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का स्वास्थ्य मंडप लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रहा है।
मंडप में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत नाटक मंचन के जरिए टीबी से बचाव और इलाज की जानकारी दी जा रही है। हर दिन लगभग 150 से 200 लोग इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं और टीबी से संबंधित जानकारी हासिल कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश से आईं रितु नागर ने बताया कि इस बार मेले में मनोरंजन के साथ-साथ स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का यह पवेलियन लोगों को स्वस्थ बनाने में मददगार साबित होगा।
इस मौके पर दिल्ली सरकार के स्टेट टीबी सेल की एसीएसएम ऑफिसर डॉ. अज़रा ने लोगों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने बताया कि टीबी माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से फैलने वाला रोग है। विश्व के लगभग 25% टीबी रोगी भारत में हैं। हर साल भारत में करीब 26 लाख लोग टीबी से प्रभावित होते हैं, और हर तीन मिनट में दो लोगों की मृत्यु हो जाती है।
डॉ. अज़रा ने कहा कि टीबी का सही और पूरा इलाज कराने से यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है। टीबी के लक्षणों में दो हफ्ते या उससे अधिक समय तक खांसी, बुखार, वजन घटना, या बलगम में खून आना शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 15 दिनों की दवा के बाद मरीज की टीबी फैलाने की क्षमता बेहद कम हो जाती है और 6-8 महीने के इलाज से वह पूरी तरह ठीक हो सकता है।
डॉ. अज़रा ने यह भी बताया कि जिन मरीजों की जांच में टीबी की पुष्टि होती है, उन्हें सरकार की ओर से मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। इस अभियान से न केवल जागरूकता बढ़ रही है, बल्कि यह लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार बनाने का भी काम कर रहा है।