43वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में लोग राम मंदिर में लगे पत्थरों से परिचित हो रहे है

राम मंदिर कि नीव में तांबे का उपयोग किया गया है क्योंकि तांबा एक जंग रहित धातु है: इंदिरा कुमार

नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन (आईटीपीओ) द्वारा आयोजित 43वेंं भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला प्रगति मैदान में पूरे जोर-शोर से चल रहा है और हर दिन बड़ी संख्या में लोग मेले का आनंद ले रहे हैं।मेले में जहां लोग एक तरफ तरह-तरह के लज़ीज़ खानों से लुत्फ़ अन्दोज़ हो रहे है वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बने राम मंदिर में इस्तेमाल हुए पत्थरों कि जानकारी भी आसानी से हासिल कर सकते है.हॉल नंबर 4 में खान मंत्रालय दुवारा राम मंदिर निर्माण में इस्तेमाल किए गए कीमती पत्थरों और मंदिर की नींव में इस्तेमाल किए गए तांबे कि जानकारी लोग सुनना पसंद कर रहे है,तथा मंदिर के निर्माण में लगे पत्थरों कि किया खासियत है उसको जानने के लिए भी लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।

संवाददाता से बात करते हुए वैज्ञानिक सुल्तान सिंह मीना ने बताया कि अयोध्या के राम मंदिर में चार पत्थरों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया है, जिनमें पहला है संगमरमर, जो राजस्थान के मकराना में पाया जाता है और यह सफेद रंग का होता है.दूसरा पत्थर है गंजीगौनापुरा जयपुरा हुबली जो मैसूर कर्नाटक में पिया जाता है और यह पत्थर काले रंग का होता है ।तीसरा पत्थर कर्नाटक के मैसूर में पाया जाने वाला हेगदादेव अंकोट है।और चौथा पत्थर बलुआ पत्थर है जिसे अंग्रेजी में सेंट स्टोन कहते है जो बयाना राजस्थान का पत्थर है।सुल्तान सिंह ने कहा कि राम मंदिर में जितने भी पत्थर लगे हैं, उनका कंप्यूटर से परीक्षण किया गया है और मौसम के अनुसार पत्थरों को उचित स्थान पर रख दिया गया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण में इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि भूकंप में भी किसी पत्थर को नुकसान नहीं पहुंचे. भगवान राम जी की मूर्ति हेगदादेव अंकोट और गंजीगौनापुरा पत्थर का उपयोग करके बनाई गई है।

राम मंदिर की नींव के बारे में जानकारी देते हुए हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की मुख्य प्रबंधक इंदिरा कुमार ने कहा कि मंदिर की नींव में तांबे का भरपुर इस्तेमाल किया गया.तथा जिसमें हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, पत्थरों में तांबे की पट्टियां जोड़ी गई हैं। प्रत्येक पट्टी 256 मिमी लंबी, 32 मिमी चौड़ी और वजन 360 ग्राम है।राम मंदिर कि नीव में तांबे का उपयोग किया गया है क्योंकि तांबा एक जंग रहित धातु है और मंदिर के निर्माण में लगभग 70,000 तांबे की पट्टियों का उपयोग किया गया है.उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण कार्य में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड ने भी अहम भूमिका निभाई है.उन्होंने कहा कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में आने से राम मंदिर के निर्माण में लगे पत्थरों और नीव में लगे कॉपर कि जानकारी लोगों तक पहुंच रही है ।