कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि आधुनिक सेमिनार कक्षों और बहुउद्देश्यीय हॉल का निर्माण विद्यार्थियों के लिए प्रेरक साबित होगा।
नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. योगेश सिंह ने आज दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स (डीसीएसी) में कई अत्याधुनिक सुविधाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि वक्त के साथ तकनीक और उपकरण भी बदल रहे हैं। इसलिए आधुनिक सुविधाओं का किसी भी संस्थान में होना जरूरी है। ऐसे समय में डीसीएसी द्वारा इन आधुनिक सेमिनार कक्षों और बहुउद्देश्यीय हॉल का निर्माण विद्यार्थियों के लिए प्रेरक साबित होगा।

इस अवसर पर कुलपति ने शिक्षक समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे शिक्षण संस्थानों में बड़ी उम्मीदों के साथ आते हैं, हमें उन उम्मीदों पर खरे उतरना चाहिए।
कुलपति ने हाल में उपस्थित विद्यार्थियों से मुखातिब होते हुए कहा कि भारत पहले भी अतीत में विकसित राष्ट्र रहा है, लेकिन सैंकड़ों वर्ष की गुलामी ने हमें कमजोर कर दिया। अब भारत के प्रधानमंत्री ने संकल्प लिया है कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र होगा। इसके लिए युवा पीढ़ी का आगे आना जरूरी है। युवा पीढ़ी में राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र भक्ति होना बहुत जरूरी है, और इसे तैयार करने का काम संस्थाओं को करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जो इमारत जितनी बुलंद होती है उतनी ही खतरे में होती है। इसलिए जब भारत विकसित राष्ट्र बन चुका होगा तो खतरे भी बढ़ेंगे, इसके लिए युवाओं को अभी से तैयार होना होगा। कुलपति ने शिक्षक समुदाय से मुखातिब होते हुए कहा कि एक शिक्षक से बहुत कुछ अपेक्षाएँ होती हैं। शिक्षक अपने आप में संस्थान होता है। इसलिए शिक्षकों को लगातार नए तरीके और नए उपकरणों पर काम करते रहना चाहिए। शिक्षक ऐसे शैक्षणिक उपकरण इस्तेमाल करें जिनसे विद्यार्थियों में पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा हो।
प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि शिक्षकों के 3 मुख्य कार्य शिक्षण, अनुसंधान और प्रशासक के होते हैं; उन्हें इन तीनों में निपुण होना चाहिए। इसके साथ ही वेदों के मूल पर प्रकाश डालते हुए कुलपति ने कहा कि 4 वेदों से 4 शब्द निकलते हैं, ईमानदारी, जवाबदेही, समझदारी और वफादारी। अपेक्षा की जाती है कि ये चारों गुण शिक्षकों में भी होने चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीसीएसी के प्रिंसिपल प्रो. राजीव चोपड़ा ने कहा कि कॉलेज में तैयार हुए इन नए बुनियादी ढांचों से विद्यार्थियों और शिक्षकों, दोनों को काफी लाभ होगा। उन्होंने इन सुविधाओं के उद्घाटन के लिए कुलपति का आभार भी जताया। प्रो. चोपड़ा ने कॉलेज की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय की वीसी इंटर्नशिप स्कीम की तर्ज पर डीसीएसी ने भी कुलपति प्रो. योगेश सिंह के सुझाव के अनुसार प्रिंसिपल इंटर्नशिप स्कीम शुरू कर दी है।
इस अवसर पर डीयू स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक प्रो. पायल मागो, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, डीसीएसी की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष प्रो. रंजन कुमार त्रिपाठी और प्रिंसिपल प्रो. राजीव चोपड़ा सहित अनेकों शिक्षक, गैर शिक्षक कर्मी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
डीसीएसी में इन-इन सुविधाओं का हुआ उद्घाटन
डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स में शनिवार को जिन सुविधाओं का उद्घाटन किया गया उनमें भगत सिंह सेमिनार हॉल, जिसे अकादमिक चर्चाओं और बौद्धिक सभाओं की मेजबानी के लिए डिज़ाइन किया गया है और सावित्रीबाई फुले कमेटी रूम, जो महत्वपूर्ण निर्णय लेने और कॉलेज की बैठकों के लिए एक समर्पित स्थान, शामिल हैं। इनके साथ ही कुलपति ने अकादमिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक बहुमुखी स्थल के रूप में कार्य करने हेतु बने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हॉल एवं स्वामी विवेकानंद बहुउद्देश्यीय हॉल का भी उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात कुलपति ने डीसीएसी के देवर्षि नारद मीडिया स्टूडियो का जायजा लिया और विद्यार्थियों के साथ एक संवादात्मक सत्र में भाग भी लिया।