कोचिंग संस्थानों के प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं के संदर्भ में दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एबीवीपी पदाधिकारियों ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार और एमसीडी ने पहले ही नालों की सफाई और अन्य जरूरी कदम उठाए होते तो यह स्थिति नहीं होती।
नई दिल्ली(नया भारत 24 ब्यूरो)अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने राजेंद्रनगर में कोचिंग संस्थानों के छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुए हादसे में छात्रों की मौत और कोचिंग संस्थानों के प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं के संदर्भ में दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एबीवीपी की राष्ट्रीय सचिव शिवांगी खरवाल ने मांग की है कि आंदोलित छात्रों द्वारा उठाई गई उचित मांगों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। खरवाल ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार और एमसीडी ने पहले ही नालों की सफाई और अन्य जरूरी कदम उठाए होते तो यह स्थिति नहीं होती।
उन्होंने कहा कि देश भर में कोचिंग संस्थानों के नियमन के लिए एक उचित नीति बनाई जानी चाहिए और नियमन का उल्लंघन करने वाले सभी कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। कोचिंग संस्थानों के कुप्रबंधन के कारण होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए उचित प्रबंधन की आवश्यकता है।
राज्य सचिव हर्ष उत्तरी ने कहा कि राजेंद्र नगर की घटना के बाद कुछ वामपंथी छात्र संगठन पूरे आंदोलन को गुमराह करने का काम कर रहे हैं. जहां एक तरफ एबीवीपी कार्यकर्ता छात्रों को न्याय दिलाने के लिए लाठियां खा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वामपंथी विचारक छात्रों के मुद्दे से हटकर अपना एजेंडा थोपने की कोशिश कर रहे हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मांग है कि दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर बेसमेंट में चल रही सभी अवैध गतिविधियां जैसे लाइब्रेरी, जिम, क्लास आदि को तुरंत बंद किया जाए, राजेंद्र नगर में हुई इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए । प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मौजूद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवराज ने कहा कि हमारे कमरों में पैर फैलाने तक की जगह नहीं है और हमें हर दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है. यूपीएससी और प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों को कोचिंग संस्थानों में तिनके की तरह रखा जाता है। कोचिंग संस्थानों के कमरों में बैठने वाले छात्रों की संख्या तय की जानी चाहिए और कमरे के किराए को नियंत्रित करने के लिए एक प्रभावी नीति लाई जानी चाहिए।