आयोग ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, पुलिस कमिश्नर और एमसीडी आयुक्त को नोटिस जारी करके दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश दिया
नई दिल्ली(नया भारत 24 ब्यूरो)राजधानी के राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग हादसे पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. मंगलवार को आयोग ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, पुलिस कमिश्नर और एमसीडी आयुक्त को नोटिस जारी करके दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है किन27 जुलाई, 2024 को दिल्ली राउज आईएएस कोचिंग सेंटर की बेसमेंट लाइब्रेरी में अचानक पानी भरने से 3 छात्रों की डूबकर मौत हो गई थी.
आरोप है कि इस सेंटर में जलभराव की शिकायत अधिकारियों से की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए आयोग ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संबंधित अधिकारियों की ओर से लापरवाही का संकेत देती है. यह देखा गया है कि कुछ दिन पहले कथित तौर पर अधिकारियों की लापरवाही से एक अन्य घटना में एक सिविल सेवा अभ्यर्थी की पानी से भरी सड़क पार करते समय बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी. जिस पर उसने स्वत: संज्ञान लिया था. इसलिए दिल्ली सरकार, नगर निगम और साथ ही कानून प्रवर्तन एजेंसियां अपने दायित्व से बच नहीं सकतीं.
आयोग ने मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार, पुलिस आयुक्त और आयुक्त, नगर निगम को दो सप्ताह के अंदर मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं. दिल्ली के मुख्य सचिव को दिल्ली भर में निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करके चल रहे ऐसे संस्थानों और कोचिंग सेंटरों की सही संख्या जानने के लिए गहन सर्वेक्षण कराने के लिए भी कहा गया है. रिपोर्ट में ऐसे संस्थानों के खिलाफ लंबित शिकायतों और संबंधित विभाग द्वारा की गई कार्रवाई सहित हर विवरण का उल्लेख किया जाना है.
आयोग उन जिम्मेदार लोक सेवकों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है, जो इन अनियमितताओं को रोकने के लिए अपना कानूनी कर्तव्य निभाने में विफल रहे हैं. इसके अलावा, आयोग ने एनसीटी दिल्ली सरकार से मृतकों के परिजनों को दिए गए मुआवजे के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी देने को कहा है कि ऐसी दुखद घटनाएं दोबारा न हों.
आयोग द्वारा जारी स्टेटमेंट के मुताबिक, घटना के समय कोचिंग सेंटर के बेसमेंट के लाइब्रेरी में लगभग 35 छात्र लाइब्रेरी में पढ़ रहे थे, तभी अचानक बारिश का पानी अंदर आने लगा. इससे अफरा-तफरी मच गई. क्योंकि पानी से भरी सड़कों से गुजरना एक बात थी और बांध टूटने जैसी स्थिति पैदा होना बिल्कुल दूसरी बात थी. भागने का कोई साधन नहीं था. कथित तौर पर छात्रों ने यह भी बताया कि संस्थान की लाइब्रेरी में हर साल बारिश का पानी भर जाता था, लेकिन गेट टूटने से बेसमेंट में पानी भर गया. घटना शाम 7-7.15 बजे की है और बचाव गोताखोर रात 9.15 बजे के आसपास आए थे. जल सक्शन पंपों के देरी से आने के कारण स्थिति खराब हो गयी थी।