जो देश को विभाजित करने की कोशिश करता है, वह देश का वफादार नहीं हो सकता


जमीयत उलेमा-ए-हिंद के तत्वाधान में आयोजित “सद्भावना संसद” में देश की प्रगति और स्थिरता में सभी समाज की बलिदानों और सेवाओं की प्रशंसा की गई 

नई दिल्ली(नया भारत 24)जमीयत उलेमा-ए-हिंद के तत्वाधान में”सद्भावना संसद” का आयोजन केंद्रीय कार्यालय में किया गया।जिस में विभिन्न धार्मिक और सामाजिक नेताओं ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने देश की प्रगति और स्थिरता में सभी समाज की बलिदानों और सेवाओं की प्रशंसा की और देश की सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक विविधता के संरक्षण और विकास की जिम्मेदारी को उजागर किया। 

वक्ताओं में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, सचिव मौलाना नियाज अहमद फारूकी, स्वामी चंद्र देव जी महाराज, आचार्य फोंटोसोक लामा जी, सरदार दिया सिंह जी (गुरुग्राम), प्रोफेसर अख्तरुल वासे, अशोक शर्मा जी, जय शंकर गुप्ता (प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया), डॉ. रमेश कुमार पासी, और अन्य सम्मानित नेता शामिल थे।

वक्ताओं ने जोर दिया कि कोई भी व्यक्ति जो देश को नुकसान पहुंचाने या विभाजित करने की कोशिश करता है, वह वफादार नहीं हो सकता।

संसद के आयोजक मौलाना जावेद सिद्दीकी कासमी ने मेहमानों का परिचय देते हुए बताया कि पूरे देश में अब तक 222 से अधिक सद्भावना संसद आयोजित हो चुकी हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने सद्भावना मंच की स्थापना के माध्यम से शांति, मानवता और आपसी समन्वय का संकल्प लिया है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना नियाज अहमद फारूकी ने कहा कि सभी धर्मों के अनुयायियों का यह कर्तव्य है कि वे मिलकर शांति और सौहार्द का वातावरण बनाएं। स्वामी चंद्र देव जी महाराज ने कहा कि किसी भी नागरिक को डरने की आवश्यकता नहीं है, हम पूरे देश में एकता को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं और करेंगे।

सरदार दिया सिंह जी ने कहा कि हमें प्रेम और स्नेह से रहना चाहिए ताकि राष्ट्र और देश प्रगति कर सके। प्रसिद्ध पत्रकार जय शंकर गुप्ता ने कहा कि हमें घावों पर मरहम लगाने की जरूरत है न कि घाव को बढ़ाने की, बल्कि यह सुनिश्चित करें कि कोई घायल न हो और किसी को तकलीफ न पहुंचे

कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने निम्नलिखित बिंदुओं पर संकल्प लिया

 

  • सभी समाज और धर्मों के बीच सद्भावना और समानता को मजबूत करेंगे।
  • जाति, समाज, धर्म के आधार पर भेदभाव और घृणा को समाप्त करेंगे।
  • बिना किसी भेदभाव के लोगों की मदद करेंगे।
  • किसी जाति, समाज, धर्म या धार्मिक नेताओं के खिलाफ अनुचित शब्दों का उपयोग नहीं करेंगे।
  • जाति, समाज, धर्म के संबंध में गलतफहमी और अफवाहों से बचेंगे।
  • प्रतिदिन ऐसा कार्य करेंगे जिससे मानवता और देश मजबूत हो।
  • पूरे देश में सद्भावना यात्रा और कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
  • मतभेदों या समस्याओं को आपस में बैठकर हल करेंगे।
  • वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण, पानी की बचत, सफाई और नहर नदी में गंदगी नहीं फैलाएंगे।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रसिद्ध कवि आरिफ देहलवी द्वारा प्रस्तुत सद्भावना कविता और हाफिज अफान द्वारा देशभक्ति गीत के साथ हुआ।