बीजेपी ने दिल्ली में प्रदूषण मामले पर “आप” पर निशाना साधा

दिल्ली सरकार पर प्रदूषण नियंत्रित के लिए केन्द्र सरकार से मिले विशेष फंड का उपयोग ना करने का आरोप लगाया।

नई दिल्ली(नया भारत 24 ब्यूरो)भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने दिल्ली में प्रदूषण मामले पर आम आदमी पार्टी(आप)पर निशाना साधा है। प्रदेश कार्यलय में प्रेस वार्ता के दौरान बीजेपी सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, बांसुरी स्वराज एवं वरिष्ठ नेता अरविंद सिंह लवली ने संयुक रूप से कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए केन्द्र सरकार से मिले विशेष फंड का उपयोग ना करना अरविंद केजरीवाल सरकार की अपराधिक लापरवाही का प्रमाण है और भाजपा मांग करती है की केजरीवाल सरकार गत साढ़े नौ साल में प्रदूषण नियंत्रण पर किये कार्य पर जनता के समक्ष श्वेत पत्र लाए ।

मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण एवं नागरिक सुविधाओं लगातार बदतर हो रहे हालात पर दिल्ली सरकार लगातार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए केन्द्र सरकार विरोधी विलाप चलाती रहती है लेकिन एक एक करके उसकी सभी नाकामियां दिल्लीवालों के सामने आ रही है।

सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि यह बीजेपी का आरोप नहीं बल्कि यह डब्लू.एच.ओ. की रिपोर्ट है कि दिल्ली विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को स्वीकार किया है कि दिल्ली में प्रदूषण के दो सबसे बड़े कारण है एक परिवहन व्यवस्था का पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो जाना और दूसरा सड़कों पर धूल मिट्टी।उन्होंने कहा कि जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं थी उसे वक्त अरविंद केजरीवाल दावा करके कहते थे कि दिल्ली में प्रदूषण का प्रमुख कारण है पंजाब में पराली का जलना लेकिन जब से उनकी सरकार पंजाब में बनी है तब से वह पंजाब का नाम तक नहीं लेते। 

सांसद बिधूड़ी ने कहा की केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए केजरीवाल सरकार को जो राशि उपलब्ध कराई गई थी उस राशि का केजरीवाल सरकार ने किस प्रकार से खर्च किया इसका जवाब भी देना चाहिए क्योंकि उसका 70 फीसदी राशि बकाया रह गई है।

दिल्ली के विकास कार्य का सारा खर्च केंद्र सरकार देती है। दिल्ली पुलिस का खर्च, एनएमडीसी का खर्च, डीडीए का खर्च से लेकर भारत सरकार के जितने भी हॉस्पिटल है उन सब के खर्च केंद्र सरकार देती है। इतना ही नहीं दिल्ली के अंदर बने टनल, नया पुलिस हैडक्वाटर से लेकर कर्तव्य पथ सही अन्य विकास कार्य केंद्र सरकार की देन है।

सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि आतिशी हमेशा केंद्र सरकार पर आरोप लगाती रही हैं कि वह दिल्ली के विकास में कोई फंड नहीं देती और ऐसा आरोप लगाकर वह जनता को गुमराह करने का काम कर रही हैं इसलिए उन्हे मैं बताना चाहती हूं कि केंद्र सरकार ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार को 742.69 करोड़ रूपए का फंड दिल्ली सरकार को दिया है लेकिन केजरीवाल सरकार ने इसमें से सिर्फ 29 फीसदी ही खर्च कर पाई है। आतिश जवाब दे कि आखिर 70 फ़ीसदी फंड खर्च क्यों नहीं हो पाए।

बांसुरी स्वराज ने कहा कि अभी कुछ ही माह बाद दिल्ली गैस चैंबर बन जाएगी लेकिन उसकी तैयारी करने की जगह आतिशी प्रेस कांफ्रेंस करने में व्यस्त है। आखिर वह कब जाकर ग्राउंड पर काम करेगी क्योंकि दिल्ली कभी पानी के लिए त्रस्त होती है तो कभी पानी में डूब जाती है और सर्दी आते हैं गैस चैंबर बन जाती है।

अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि दिल्ली में जुलाई और अगस्त महीने में ए.कयू.आई. लेवल सबसे बेहतर होता है क्योंकि मानसून का समय होता है लेकिन आज का ए.कयू. आई. लेवल 164 हैं फिर दिसंबर के महीने में क्या होगा यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के समय पर विंटर प्लान ना बनाने से दिल्ली में दीवाली बादप्रदूषण लॉकडाउन की स्थिती बनाने वाली है। केजरीवाल सरकार एक बार फिर से प्रदूषण को लेकर किसी भी ठोस कदम उठाने की तैयारी में नहीं दिखती है।

सरदार अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि दिल्ली में सर प्लस रेवेन्यू प्रदूषण नियंत्रण के लिए रखना चाहिए लेकिन दिल्ली सरकार सिर्फ लूट और प्रचार में मस्त है। केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण के लिए ना कोई रोडमैप तैयार किया है और ना ही कोई स्टेडी कराई है कि आखिर यह प्रदूषण लगातार क्यों हो रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली 23 राज्य और केंद्र शासित राज्यों में पहला ऐसा राज्य है जो अपने प्रदूषण नियंत्रण बजट में सबसे कम खर्च किया है। इससे अधिक शर्मनाक क्या हो सकती है और दूसरा राज्य पंजाब है। दिल्ली में 40 फीसदी पॉल्यूशन बायोकुलर पॉल्यूशन है और 38फीसदी डस्ट संबंधित प्रदूषण है।

लवली ने कहा कि दिल्ली मेट्रो हमेशा अपने समय से पहले काम के लिए जानी जाती थी लेकिन आज उसमें देरी हो रही है जिसके इकलौते जिम्मेदार केजरीवाल सरकार है। हाथ पर हाथ रखे होने के कारण आज दिल्ली में फेज 3 डिले हो गया, फेज 4 की तो अभी कोई बात ही नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर डीटीसी बसों की संख्या जो पहले 6600 होती थी आज 3300 के करीब हो चुकी है और इसमें भी अधिकतर अपनी मियाद पूरी कर चुकी थी है। दिल्ली का प्रदूषण बढ़ने में यह सभी कारण है।

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