राजस्थान में उर्दू माध्यम विद्यालयों को हिन्दी माध्यम स्कूलों में विलय करना चिंता का विषय

 

नई दिल्ली। उर्दू डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सैयद अहमद खान ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भारतीय भाषा उर्दू को लुप्त होने से बचाने और नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की मांग की है। डॉ सैयद अहमद खान ने राजस्थान की राज्य सरकार को याद दिलाया कि उर्दू नाकि भारत की मूल भाषा है बल्कि देशभर में अति लोकप्रिय है। आज भी देश के हर कोने में उर्दू पढी, लिखी और बोली जाती है। इसके अलावा हिंदी को बढ़ावा देने में भी उर्दू एक प्रभावी मध्य है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा संकीर्ण विचारों को त्याग कर भारत की लोकप्रिय भाषा उर्दू को बढ़ावा देने तथा 17 जनवरी 2025 का माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के जरिए जारी किए गए आदेश को निरस्त करने किया जाना चाहिए।ताकि उर्दू माध्यम विद्यालयों का अस्तित्व बचा रहे। उन्होंने कहा कि अजमेर सहित पूरे राजस्थान में आजादी के पहले से ही यह उर्दू माध्यम स्कूल स्थापित हैं जिन्हें अब हिन्दी माध्यम स्कूलों में विलय करने का आदेश जारी किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस आदेश को रद्द करने की मांग की है।