ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस दिल्ली की जनरल बॉडी की बैठक

बैठक में सर्वसम्मति से मांग की गई कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में भारतीय चिकित्सा पद्धति में यूनानी चिकित्सा पद्धति को शामिल करके जो सम्मान दिया गया है उसी के अनुसार आयुष विभाग भारत सरकार समान व्यवहार करे ।

नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस दिल्ली प्रदेश जनरल बॉडी की बैठक प्रोफेसर मुहम्मद असलम की अध्यक्षता में तस्मिया ऑडिटोरियम, जामिया नगर, नई दिल्ली में आयोजित की गई।बैठक में ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस दिल्ली स्टेट यूथ विंग, टेक्निकल विंग, एकेडमिक विंग और फार्मेसी विंग के पदाधिकारियों ने भाग लिया और अपनी अपनी गतिविधियों और भविष्य की योजना प्रस्तुत की।

प्रोफेसर मुहम्मद असलम ने संगठनात्मक मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस से जुड़े सभी सदस्यों और पदाधिकारियों को संगठन के दस्तूर के मुताबिक अमल करने और अनुशासन बनाए रखने का निर्देश दिया ताकि तिब्बी कांग्रेस का सफ़र और अधिक सफलता के साथ जारी रहे।

इस अवसर पर बैठक में सर्वसम्मति से मांग की गई कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में भारतीय चिकित्सा पद्धति में यूनानी चिकित्सा पद्धति को शामिल करके जो सम्मान दिया गया है उसी के अनुसार आयुष विभाग भारत सरकार समान व्यवहार करे और यूनानी चिकित्सा पद्धति को आयुर्वेद की तरह विकसित करे.क्योंकि पिछले कई वर्षों से आयुष विभाग द्वारा यूनानी चिकित्सा पद्धति को नजरअंदाज कर दिया गया और यहां तक कि गजट नोटिफिकेशन में यूनानी चिकित्सा का नाम भी शामिल नहीं किया गया, जिसके कारण अन्य विभागों और प्रांतीय सरकारों द्वारा आयुर्वेद को तो नौकरियां दे दी गईं लेकिन यूनानी चिकित्सा को नजरअंदाज कर दिया गया। इसका छात्रों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा और एमबीबीएस के बाद आयुर्वेद में प्रवेश को दूसरी प्राथमिकता दी जाने लगी।

बैठक में कहा गया कि अगर यही स्थिति रही तो कई मेडिकल कॉलेज बंद हो जायेंगे और हमारी स्थिति काफी कमजोर हो जायेगी. फिर भी, यूनानी मेडिकल कॉलेजों की संख्या आयुर्वेद की तुलना में लगभग दस गुना कम है।बैठक में यह भी कहा गया कि प्रांतीय सरकारों की अनदेखी के कारण हरियाणा और उत्तराखंड में स्वीकृत सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य रुका हुआ है. बैठक में मांग की गई कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा किया जाए और लोगों के हित में यूनानी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल को शुरू किया जाए. इसी तरह दिल्ली सरकार से दिल्ली भारतीय चिकित्सा परिषद (डीबीसीपी) का चुनाव भी जल्द से जल्द कराने की मांग की गई।

बैठक में डॉ. जकीउद्दीन, डॉ. मुहम्मद सलीम सिद्दीकी, डॉ. शाहनाज परवीन, डॉ. इलियास मजहर हुसैन, डॉ. अब्दुल्ला खान रऊफ, डॉ. शकील अहमद, डॉ. गयासुद्दीन सिद्दीकी, डॉ. मिर्जा आसिफ बेग, हकीम उजैर बकाई, एडवोकेट शाजबीं काजी, हकीम नईम रजा आदि ने विचार व्यक्त किए.महत्वपूर्ण प्रतिभागियों में अतहर अजीज, डॉ. एहसान अहमद सिद्दीकी, डॉ. फैजान अहमद सिद्दीकी, डॉ. शफीकुर रहमान, डॉ. खुर्शीद आलम, डॉ. शमसुद्दीन आजाद, डॉ. मुहम्मद आरिफ सैफी, डॉ. शेख खिजरा, हकीम मुहम्मद मुर्तजा देहलवी , डॉ. फहीम मलिक, डॉ. शकील अहमद हपुड़ी, डॉ. अतहर महमूद, डॉ. नसीम अहमद, मुहम्मद जलीस (लिमरा), सैयद इजाज हुसैन, डॉ. अब्दुल मजीद, मुहम्मद नौशाद नदवी, हकीम आफताब आलम, हकीम नईम अहमद बिजनौरी, मुहम्मद ओवैस, मुहम्मद हफीज़ उर रहमान, नदीम आरिफ और मुहम्मद इमरान क़न्नोजी आदि नाम शामिल हैं। ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉ. सैयद अहमद खान ने सभी प्रतिभागियों का शुक्रिया अदा किया, तथा बैठक के बहतरीन इन्तेजाम के लिए डॉ. सैयद फारूक और उनके स्टाफ का भी शुक्रिया अदा किया गया।