दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ(डूसू)चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न

डूसू चुनाव के लिए मॉर्निंग कॉलेजों में केवल 29% मतदान हुआ, कुल मतदान प्रतिशत 30 से 35 होने की संभावना ,21 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद, उच्च न्यायालय की सुनवाई के बाद ही नतीजे घोषित होने की उम्मीद

नई दिल्ली(नया भारत 24 ब्यूरो)दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव आज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गए, डीयू के 52 कॉलेजों और विभागों में मतदान हुआ और 21 उम्मीदवारों की किस्मत 600 से अधिक ईवीएम में कैद हो गई, जिसके नतीजे हाई कोर्ट की सुनवाई के बाद आने की उम्मीद है जो की 21 अक्टूबर को होगी।

गौरतलब है कि कल दिल्ली हाई कोर्ट ने विज्ञापन सामग्री और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान डूसू नतीजों की घोषणा पर फिलहाल रोक लगाते हुए कहा था कि जब तक सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई नही होगी अगले आदेश तक नतीजे घोषित नहीं किए जाएंगे।इससे पहले डूसू के नतीजे कल 28 सितंबर 2024 को घोषित किए जाने थे।

बता दें कि मॉर्निंग कॉलेज में सिर्फ 29 फीसदी वोटिंग हुई है, जो पिछले साल की तुलना में काफी कम है, जबकि खबर लिखे जाने तक इवनिंग कॉलेजों का वोटिंग डेटा जारी नहीं हुआ,कुल मिलाकर डूसू चुनाव में 30 से 35 प्रतिशत मतदान होने की संभावना है।

पहले चरण का मतदान सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक चला, जबकि दूसरे चरण का मतदान दोपहर 3:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक चला, दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती के अलावा डीयू कैंपस की निगरानी ड्रोन से की गई,दिल्ली पुलिस की तरफ से मतदान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और छात्रों को बिना किसी समस्या के परिसर में प्रवेश करने और मतदान करने की सुविधा के लिए डीयू परिसर में औद्योगिक वाहन पर पाबंदी लगा दी गई थी।

हालांकि, प्रशासन की ओर से मतदान प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिशों के बाद भी इस बार मतदान के प्रति छात्रों में वह उत्साह नहीं दिखा, जो पिछले वर्षों में देखा गया था, वहीं पहली बार मतदान करने वाले छात्रों में मतदान के प्रति उत्साह दिखा।

 

कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने स्ट्रॉंग रूम की व्यवस्था का जायजा लिया

कुलपति प्रो योगेश सिंह स्ट्रांग रूम का जायजा लेते हुए

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के पश्चात ईवीएम को विश्वविद्यालय परीक्षा शाखा के भवन में बने स्ट्रॉंग रूम में रखा गया है। दोपहर तक हुए मतदान के पश्चात ईवीएम को स्ट्रॉंग रूम में पहुंचा दिया गया है। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने स्वयं परीक्षा शाखा जा कर स्ट्रॉंग रूम का जायजा लिया। उन्होंने सीसी कैमरा सहित सभी व्यवस्थाओं के बारे में बारीकी से जानकारी भी प्राप्त की। इस अवसर पर उनके साथ दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता, मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. सत्यपाल सिंह, प्रो. चंद्रशेखर, सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष एवं पीआरओ अनूप लाठर और परीक्षा नियंत्रक प्रो. गुरप्रीत सिंह टूटेजा आदि उपस्थित रहे।

 

गौरतलब है कि डूसू के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो सत्यपाल के मुताबिक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए कुल 21 उम्मीदवार मैदान में हैं जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए 5 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं और सचिव व संयुक्त सचिव पद के लिए 4-4 उम्मीदवार मैदान में हैं.

मुकाबला सिर्फ कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) और आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच ही देखा जा रहा है, लेकिन डूसू के इतिहास में पहली बार वामपंथी संगठन जेएनयू शैली में संगठन बना कर चुनाव लड़ रहे हैं। डूसू में वामपंथी संगठन कभी प्रभावशाली नहीं रहे।

यह प्रत्याशी मैदान में हैं

एनएसयूआई

अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष पद के लिए यश नांदल, सचिव पद के लिए नम्रता जेफ मीना, संयुक्त सचिव पद के लिए लोकेश चौधरी ।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

अध्यक्ष पद के लिए ऋषभ चौधरी, उपाध्यक्ष पद के लिए भानु प्रताप सिंह, सचिव पद के लिए मत्रोंदा कर्णवाल, संयुक्त सचिव पद के लिए अमन कपासिया।

वामपंथी गठबंधन

अध्यक्ष पद के लिए सावी गुप्ता, उपाध्यक्ष पद के लिए आयुष मंडल, सचिव पद के लिए स्नेहा अग्रवाल, संयुक्त सचिव पद के लिए अनामिका के.

निर्दलीय उम्मीदवार

जाने-माने छात्र संगठन से जुड़े छात्रों के अलावा लॉ सेन्टर से अनिकेत,जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज बदी उज जमा, बौद्ध विभाग से पिंकी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज से शीतल, हिंदू कॉलेज से शिवम मौर्या अध्यक्ष पद के लिए मैदान में हैं। साउथ कैंपस बानाश्रीदास, बौद्ध विभाग से रोविन सिंह उपाध्यक्ष के लिए, मोतीलाल नेहरू कॉलेज से आदित्यन सचिव के लिए और लॉ सेंटर 2 से अंजना सुकमरन संयुक्त सचिव के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।