नौकरी दो या बेरोजगारी भत्ता दो” के नारे के तहत दिल्ली के युवा रोजगार की मांग के किए 14 सितंबर को उपराज्यपाल निवास पर प्रदर्शन करेंगे।
नई दिल्ली(नया भारत 24 ब्यूरो)नौकरी दो या बेरोजगारी भत्ता दो” के नारे के तहत सैकड़ो की संख्या में दिल्ली के युवा डी.वाई.एफ.आई. के बैनर तले 14 सितंबर को उपराज्यपाल निवास पर प्रदर्शन करेंगे। आज सुरजीत भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में डी.वाई.एफ.आई. दिल्ली राज्य कमेटी के पदाधिकारीयों यह ने घोषणा की है, इस दौरान ‘नौकरी दो या बेरोजगारी भत्ता दो’ पोस्टर का भी विमोचन किया गया।
भारत की जनवादी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष रिक्ता कृष्णस्वामी और राज्य सचिव अमन सैनी ने कहा की केंद्र की मोदी सरकार युवा विरोधी और रोजगार विरोधी है। सरकार की इन्हीं नीतियों के चलते दिल्ली दिल वालों की जगह बेरोजगारों की दिल्ली बन गई है।दिल्ली के सरकारी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत 20 लाख शिक्षित युवा बेरोजगार है। इससे कई गुना गैर पंजीकृत बेरोजगार दिल्ली में है। पिछले 10 सालों में केंद्र में मोदी सरकार हो और राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता हैं, फिर भी ना रोजगार है ना ही बेरोजगारी भत्ता, बेहतर और सस्ती शिक्षा की तो बात भी कोसो दूर है। मोदी सरकार की युवाओं को बेरोजगार बनाने और बड़े-बड़े पूंजीपतियों के हक की नीति मैं जिम्मेदार है।
दिल्ली में स्थिति और भयानक हो गई है। मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक के जरिये दिल्ली की चुनी हुई केजरीवाल सरकार से नियुक्ति और सेवा संबंधी शक्तियों को छीनकर कर केंद्र के प्रतिनिधि उपराज्यपाल को दे दिया हैं। भाजपा समर्थित उपराज्यपाल के आदेश के बिना ना तो नियुक्ति होगी और ना ही बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। दिल्ली में सरकारी विभागों में 50% से ज्यादा पद खाली है जो कि लगभग डेढ़ लाख के आसपास होंगे।
हमारे संगठन द्वारा लगाई गई आरटीई और समाचार पत्रों के माध्यम से सूचना इकट्ठा की गई है। दिल्ली के अंदर 20 हजार शिक्षकों और गैर शिक्षकों, अस्पतालों में 2000 से ज्यादा डॉक्टर और हजारों की संख्या में नर्स और पैरामेडिकल मेडिकल स्टाफ, सेवा शाखा ग्रेड II और III में 2860 पद, LDC में 1331 पद, तकनीकी शिक्षा में 1800, परिवहन विभाग में 1228 पद, महिला बाल विकास विभाग में 1000, पीडब्ल्यूडी में 1300 पद, दिल्ली जल बोर्ड सहित सरकारी विभागों में और एमसीडी में हजारों की संख्या में नौकरियां है, और जिस तरह से जनसंख्या बढ़ रही है उसके मुताबिक कई गुना कर्मचारियों की जरूरत है। उपराज्यपाल द्वारा खाली पड़े हुए पदों को भरने करने की बजाय मार्शल और सिविल डिफेंस में लगे युवाओं को नौकरी से निकालने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में ठेकेदारी और निजीकरण का बोलबाला है। सरकार युवाओं के रोजगार देना चाहते हैं तो पहले सरकारी विभागों में खाली पड़े हुए पदों पर जल्द भर्ती की जाए, और निजीकरण और ठेकेदारी प्रथा को बंद करें।
12 सितंबर 2021 को डीवाईएफआई ने केजरीवाल सीएम आवास पर प्रदर्शन करते हुए मांग की थी कि सभी बेरोजगारों को 5000 रुपए मासिक बेरोजगारी भत्ता दिया जाए , जिसको दबाव में दिल्ली सरकार ने 22 अप्रैल 2022 में घोषणा भी कर दी। लेकिन जमीन पर दिल्ली के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल रहा। साथ ही इसको स्नातक और स्नातकोत्तर तक सीमित कर दिया है। इस प्रदर्शन के माध्यम से हमारी सरकार से मांग है कि बिना शर्त, सभी बेरोज़गार युवाओं के लिए मासिक भत्ते को तुरंत लागू करें।
इसको लेकर दिल्ली के विभिन्न जिलों के लोकल एरिया में युवाओं की बैठक की जा रही है, पर्चा वितरण किया जा रहा है, और साथ में आंदोलन के लिए आर्थिक मदद के लिए चंदा का अभियान भी चलाया हुआ है। दिल्ली के युवाओं के शिक्षा और रोज़गार के मांगो को लेकर सभी राजनीतिक दलों को डिमांड चार्टर सौंपा जाएगा। साथ ही इसको लेकर दिल्ली भर में पोस्टर और सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को ज्यादा से ज्यादा इस प्रोग्राम में भागीदारी करने की अपील की जाएगी।
प्रेस वार्ता में भारत की जनवादी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष रिक्ता, राज्य सचिव अमन, और सचिवमेण्डल के सदस्य महावीर और राहुल भी उपस्थित थे।