नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)नरेशभाई मकवाणा गुजरात के शहर सूरत के रहने वाले है जो पहले एक छोटी सी परचून की दुकान चला कर अपना गुज़र बसर किया करते थे लेकिन जब उन्होंने आर्थिक रूप से खुद को मजबूत बनाने की ठानी तो काबयाबी ने उनके कदम चूम लिए।
नरेशभाई जैसे लोग समाज के लिए प्रेरणादायक है और इस बात की जीती जगती मिसाल है अगर किसी काम को पूरी मेहनत और लगन से शुरू किया जाए तो सफलता ज़रूर मिलती है।नई दिल्ली के इंडिया गेट पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित 22वें दिव्य कला मेले में नरेशभाई अपनी पत्नी नीलम नरेश संग स्टाल लगाए हुए हैं जहां हाथ से तैयार शुदा व्यक्तित्व उपयोगिता वस्तुओं और आभूषण से लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है।
नरेशभाई मकवाणा ने बताया कि जीवन के हर मोड़ पर उनकी पत्नी ने हमेशा साथ दिया है वर्ष 2021 में सिर्फ दो हज़ार से हमने बिज़नेस शुरु किया था और आज हमारा टन ओवर चार लाख तक पहुंच गया है। उन्होंने बता की शुरुआती दिनों में हमने ब्रास मेटल और जर्मन सिल्वर से ब्रेसलेट बनाए और फिर वर्ष 2022 मुंबई में दिव्य कला मेला आयोजित हुआ था जहां हम ने जो ब्रेसलेट तैयार किए थे उसका बहुत अच्छा रेस्पॉन्स देखने को मिला। हम लोकेट, ब्रेसलेट,बूंदे,बाली, अंगूठी, झुमके आदि खुद अपने दिमाग से सोच कर डिज़ाइन करते है,तथा हमारी कामयाबी की एक वजह ये भी है कि जो ज्वैलरी हम बनाते है वो किसी की कॉपी नहीं होती।
मेले में मौजूद नरेशभाई की पत्नी नीलम नरेश ने बताया कि उनके पास ज्वैलरी के 40 से ज़्यादा डिज़ाइन उपलब्ध है और दिल्ली के लोग उनकी ज्वैलरी को काफी पसंद कर रहे है।उन्होंने कहा कि जो लोग दिल्ली में रह रहे है वो हमारे स्टाल 6 नंबर पर आ सकते है।नीलम ने बताया कि वो सूरत से ताल्लुक रखती हैं इसी लिए मेले में इनके स्टाल पर सूरत की मशहूर साड़ियां भी मिल जाएंगी।
आखिर में नरेशभाई मकवाणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज उनकी बदौलत ही हमें अपना हुनर दिव्य कला मेला में सब को दिखाने का मौका मिला रहा है।