आत्मनिर्भरता की मिसाल है दिव्यांग काजल की कला

22वें दिव्य कला मेले में उनकी पेंटिंग उनके भावनाओं और हुनर की कहानी खुद बयां करती है

नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)नई दिल्ली के इंडिया गेट पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित 22वें दिव्य कला मेले में गुजरात के अहमदाबाद की काजल पी. सिंधी अपनी कला से सभी को प्रभावित कर रही हैं। काजल बोलने में असमर्थ हैं, लेकिन उनकी पेंटिंग उनके भावनाओं और हुनर की कहानी खुद बयां करती है। उनकी कला यह सिद्ध करती है कि यदि किसी में कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो, तो वह हर चुनौती को पार कर सकता है और अपनी मेहनत से आत्मनिर्भर बन सकता है।

 

काजल ने बी.कॉम तक पढ़ाई की है और बचपन से ही पेंटिंग का शौक रखा है। आज वे ग्लास पेंटिंग, होम डेकोर, लकड़ी के तख्तों पर पेंटिंग, स्केचिंग और मेहंदी डिज़ाइन जैसे क्षेत्रों में पारंगत हैं। अपनी कला के माध्यम से न केवल उन्होंने आत्मनिर्भरता हासिल की है, बल्कि वे दूसरों को प्रेरित करने के लिए ड्रॉइंग और आर्ट की कक्षाएं भी चलाती हैं। उनकी बेटी भव्या और पति प्रकाश कुमार हर प्रदर्शनी में उनका साथ देते हैं और उनकी कला को लोगों तक पहुंचाने में मदद करते हैं। काजल का कहना है कि इस मेले का हिस्सा बनना उनके लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण है।

इस मेले का उद्देश्य काजल जैसे दिव्यांग कलाकारों को एक बड़ा मंच प्रदान करना है। “सशक्त दिव्यांगजन” थीम पर आधारित यह मेला 12 से 22 दिसंबर 2025 तक सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक इंडिया गेट पर आयोजित किया जा रहा है। प्रतिदिन आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम मेले को और भी आकर्षक बना रहे हैं।