पुलिस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी और सैकड़ों कार्यकर्ता हिरासत में लिया।
नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क) भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन(एनएसयूआई)ने छात्रों और युवाओं के अहम मुद्दों पर संसद मार्च व प्रदर्शन किया । इस दौरान प्रदर्शनकारी मोदी सरकार के विरुद्ध जमकर नारे बाजी कर रहे थे।मार्च शुरू होने से पहले दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारीयों को रोकने के लिए ब्रेकडिंग लगा दी। जिससे प्रदर्शनकारी व्यथित हो गए, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में ले लिया । यह संसद मार्च पेपर लीक, शिक्षा बजट में कटौती, छात्रवृत्ति में कटौती, सरकारी पदों की रिक्तियां, अग्निपथ योजना और मणिपुर में शांति जैसे मुद्दों पर सरकार की विफलता के खिलाफ आयोजित किया गया था।

हिरासत में लिए जाने से पहले, वरुण चौधरी ने सरकार पर छात्रों की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप को बंद करने, सार्वजनिक परीक्षाओं में बार-बार हो रहे पेपर लीक, सरकारी नौकरियों की कमी और आरक्षण नीति लागू करने में असफलता को लेकर सरकार की आलोचना की। साथ ही, उन्होंने सरकार पर उद्योगपति गौतम अडानी के हितों को देश के युवाओं के कल्याण से ऊपर रखने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि हम चुप नहीं रहेंगे। यह सरकार छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारी भूल चुकी है और शिक्षा और रोजगार से ज्यादा कॉर्पोरेट हितों को प्राथमिकता दे रही है।एनएसयूआई छात्रों के अधिकारों और देश के भविष्य के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी।इस मार्च में देश के विभिन्न राज्यों से हजारों छात्रों ने भाग लिया और सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी मांगें उठाईं। एनएसयूआई नेताओं ने यह संकल्प लिया है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
एनएसयूआई ने प्रदर्शन में की प्रमुख मांगें:
1. शिक्षा के लिए फंड की बहाली: सभी छात्रवृत्तियों और फैलोशिप को बहाल किया जाए, जिसमें मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप शामिल है। एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रवृत्तियों और फैलोशिप में 40-60% तक की कटौती हुई है।
2. छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा: भारत भर में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर दर्ज फर्जी मामलों को वापस लिया जाए।
3. आरक्षण नीति लागू करें: आरक्षण नीतियों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। संसद में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी, एससी और एसटी शिक्षण संकाय के 40-70% पद रिक्त हैं।
4. पेपर लीक घोटाले पर रोक: पेपर लीक और परीक्षा घोटालों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए।
5. 30 लाख रिक्त पद भरें: सरकार तुरंत 30 लाख रिक्त सरकारी पदों को भरे।
6. अग्निपथ योजना रद्द करें: युवाओं के खिलाफ अग्निपथ योजना को समाप्त किया जाए, जो सेना को अनुबंध पर चलाने की नीति है।
7. मणिपुर में शांति बहाल करें: मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप किया जाए।