विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक आदेश जारी कर कहा है: परिसर में संवैधानिक गरिमा रखने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, धरना, नारेबाजी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) ने विश्वविद्यालय परिसर में अनधिकृत छात्र विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आदेश जारी कर कहा कि अगर किसी ने बिना अनुमति के प्रदर्शन किया तो उसके खिलाफ निर्धारित प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि 28 नवंबर को विश्वविद्यालय में संभल हिंसा के खिलाफ कुछ छात्रों ने प्रदर्शन किया था और इस आदेश को इसी प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है. हालाँकि, ऐसा आदेश 2021 में भी जारी किया गया था और इसका उल्लेख किया गया है। उधर, छात्र संगठनों ने इस आदेश की निंदा की है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने आदेश में कहा, संज्ञान में आया है कि कुछ छात्र विश्वविद्यालय अधिकारियों की अनुमति या सूचना के बिना भारत के प्रधानमंत्री और देश की अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के खिलाफ ऐसे मुद्दों पर नारे लगाने में शामिल हैं, जिनका न तो शिक्षा जगत से और न ही विश्वविद्यालय से कोई संबंध है। 29 अगस्त 2022 के आदेश की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय के छात्रों को सलाह दी गई थी कि वे अधिकारियों की पूर्व अनुमति के परिसर के किसी भी भाग में ऐसी बैठकें- सभा या धरना आयोजित न करें या नारे न लगाएं।
विश्वविद्यालय के सभी छात्रों की जानकारी के लिए एक बार फिर दोहराया जाता है कि जेएमआइ परिसर के किसी भी हिस्से में किसी भी संवैधानिक गणमान्य व्यक्ति के खिलाफ कोई विरोध प्रदर्शन, धरना, नारेबाजी की अनुमति नहीं दी जाएगी, अन्यथा ऐसे दोषी छात्रों के खिलाफ विश्वविद्यालय के नियमों के प्रविधानों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।सभी संकाय के अध्यक्षों को आदेश का पालन करने को कहा गया है।
इस आदेश का आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) ने विरोध किया है। एक बयाने में कहा है कि जेएमआइ कोई साधारण परिसर नहीं है। इस विश्वविद्यालय का उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ़ खड़े होने का गौरवशाली इतिहास रहा है। उपनिवेशवाद विरोधी संघर्ष के दौरान अपनी स्थापना से लेकर सीएए-एनआरसी का विरोध करने में अपनी भूमिका तक, जेएमआइ हमेशा प्रतिरोध का गढ़ रहा है। हम इस विरासत को छात्रों के हाथों से जाने नहीं देंगे।
हम इसका विरोध करेंगे। आइसा की एक पदाधिकारी ने कहा, कुछ दिन पहले संभल में हिंसा के विरोध में छात्रों ने सामूहिक प्रदर्शन कर विरोध जताया था। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह आदेश जारी किया है। विश्वविद्यालय सामूहिक विरोध की आवाज को दबाना चाहता है। छात्र ऐसे दबाव में नहीं आएंगे। जेएमआइ कुलपति से इस बारे में जानकारी लेने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।