IITF में बच्चों के स्वास्थ्य परामर्श और जानकारी का प्रमुख केंद्र बना स्वास्थ्य मंडप

नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)भारत मंडपम में चल रहे 43वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में रविवार को भारी भीड़ उमड़ी। इस मेले में खरीदारी और खान-पान के साथ-साथ बच्चों की सेहत से जुड़ी तमाम जानकारी लेने के लिए लोग बड़ी संख्या में हाल नंबर-3 में लगे स्वास्थ्य मंडप में पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा स्थापित स्वास्थ्य मंडप बच्चों के स्वास्थ्य, बीमारियों के लिए इलाज और समाधान के बारे में जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभा रहा है।

मेले में अपने बेटे के साथ आई रानी कुमारी ने कहा, “बच्चों का अच्छा स्वास्थ्य किसी भी समाज की सबसे बड़ी संपत्ति है। इस मंडप में बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां दी जा रही हैं और डॉक्टर बच्चों की जांच भी कर रहे हैं।” मंडप में मौजूद डॉ. जय भारत और डॉ. अदिति ने बताया कि प्रतिदिन लगभग 150 बच्चे जांच के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चल रहे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) का उद्देश्य बच्चों में बीमारियों की शुरुआती पहचान और उनके इलाज के लिए सुविधाएं प्रदान करना है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की चार प्रमुख श्रेणियों—जन्म के समय दोष, रोग, कमी और विकास में देरी—की जांच की जाती है। आरबीएसके बच्चों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक व्यापक कार्यक्रम है। यह आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों के बच्चों की जांच के लिए महिला एवं बाल विकास और शिक्षा मंत्रालयों के साथ समन्वय बनाकर काम करता है। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा नवजात शिशुओं की घर जाकर जांच की जाती है।

डॉक्टरों ने बताया कि पवेलियन में दांतों और आंखों से संबंधित समस्याओं वाले बच्चे अधिक आ रहे हैं। अभिभावकों को पोषण संबंधी सलाह और बच्चों को स्वस्थ बनाने के उपाय भी बताए जा रहे हैं। मंडप न केवल बच्चों की सेहत पर ध्यान दे रहा है, बल्कि उनके अभिभावकों को जागरूक करने में भी सफल हो रहा है।