सुप्रीम कोर्ट का फैसला ‘बुलडोजर राजनीति’ के लिए झटका: सीपीआई(एम)

सीपीआई (एम) दिल्ली के सचिव केएम तिवारी ने कहा: बुलडोजर कार्रवाई के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए और सभी पीड़ितों को मुआवजा दिया जाना चाहिए।

नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क) सीपीआई (एम) दिल्ली ने बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला बीजेपी की ‘बुलडोजर की राजनीति’ के लिए झटका है। दिल्ली सचिव केएम तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह साफ कर दिया कि सरकार किसी भी इमारत को गिराने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं कर सकती, क्योंकि यह कानून के खिलाफ है। जस्टिस बीआर गवई और के वि विश्वनाथन की पीठ ने दिल्ली के जहांगीरपुरी समेत कई जगहों से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसे कृत्यों की हमारे संविधान में कोई जगह नहीं है. अदालत ने कहा कि प्रशासन द्वारा की गई ऐसी अनुचित और मनमानी कार्रवाइयों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।

सीपीआई (एम) दिल्ली राज्य समिति अदालत के इस फैसले का स्वागत करती है। सीपीआई (एम) ने लगातार बीजेपी, आरएसएस की बुलडोजर राजनीति का विरोध किया है. जहांगीर पुरी में कॉमरेड बृंदा करात और पार्टी के अन्य सदस्यों ने अल्पसंख्यक मुसलमानों के घरों और आजीविका को बचाने के लिए बुलडोजर को रोकने के लिए सीधे हस्तक्षेप किया था। कॉमरेड बृंदा करात ने भी कोर्ट में याचिका दायर की।

सीपीआई (एम) की मांग है कि उत्तर प्रदेश के भाजपा मुख्यमंत्री, हरियाणा और उत्तराखंड के अधिकारियों और दिल्ली के उपराज्यपाल सहित जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। राज्य समिति यह भी मांग करती है कि सभी पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए और इन अवैध विध्वंसों की लागत उन सभी राजनेताओं और नौकरशाहों से व्यक्तिगत रूप से वसूल की जाए जिन्होंने इन अभियानों का समर्थन किया या उन्हें अंजाम दिया।