एनएसयूआई की दिल्ली विश्वविद्यालय में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों की मांग

प्रेस वार्ता के दौरान एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने एबीवीपी और आरएसएस से जुड़े सदस्यों की चुनाव अधिकारियों के रूप में नियुक्ति पर सवाल उठाए।

नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क) भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ(एनएसयूआई)ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन और दिल्ली पुलिस से छात्र चुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है। प्रेस वार्ता के दौरान एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने आगामी चुनावों में जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि हम इस चुनाव को 4-0 से जीतेंगे।

इस दौरान चौधरी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े सदस्यों की चुनाव अधिकारियों के रूप में नियुक्ति पर सवाल उठाए। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से निष्पक्ष रवैया अपनाने की अपील की। चौधरी ने कहा कि मैं दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील करता हूँ कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष होनी चाहिए। हमने देखा है कि कई आरएसएस बीजेपी से जुड़े प्रोफेसर चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि एनएसयूआई का लक्ष्य छात्रों की प्रमुख समस्याओं, जैसे फीस वृद्धि, बुनियादी ढांचे की कमी और महिलाओं की सुरक्षा, को सुलझाना है।चौधरी ने कहा कि एबीवीपी ने चुनाव नियमों का उल्लंघन किया है। कॉलेज परिसर में पार्टियों का आयोजन किया जा रहा है और इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन की मौन स्वीकृति है। इसके लिए बीजेपी और एबीवीपी का गठजोड़ जवाबदेह होना चाहिए। चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए आरएसएस और बीजेपी से जुड़े प्रोफेसरों को चुनावी ड्यूटी से हटाया जाना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा की एबीवीपी चुनावी प्रचार को भटकाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन छात्र 5534 के लिए मतदान करेंगे, और हमारे घोषणापत्र को समर्थन देना ही एबीवीपी को सबसे अच्छा जवाब है। हम सकारात्मक बदलाव और छात्रों के अधिकारों के लिए संघर्ष पर केंद्रित हैं।

मीडिया प्रभारी रवि पांडे ने निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव की मांग को दोहराया। उन्होंने परिसर में छात्र कल्याण और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति एनएसयूआई की अटूट प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया।एनएसयूआई सभी छात्रों से अपील करता है कि वे चुनावी ईमानदारी के लिए उनके अभियान का समर्थन करें और दिल्ली विश्वविद्यालय में लोकतंत्र को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का विरोध करें। उनका घोषणापत्र मुख्य रूप से किफायती शिक्षा, परिसर की सुरक्षा और समग्र छात्र कल्याण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है, जो विश्वविद्यालय समुदाय के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखता है।