राजभाषा हिंदी के विकास के लिए एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन

क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में आयोजित इस कार्यशाला में डॉ. राहत रज़ा ने संस्थान में हिंदी मे हो रहे कार्य की प्रगति पर राजभाषा प्रभारी के साथ सभी स्टाफ को बधाई देते हुए भविष्य में शत प्रतिशत हिंदी में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित भी किया।

नई दिल्‍ली(नया भारत 24 डेस्क)क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में राजभाषा हिंदी के विकास के लिए एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। हिंदी कार्यशाला में नई दिल्‍ली के श्री अरबिंदो मार्ग स्थित राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) के भाषा शिक्षा विभाग से सेवानिवृत प्रोफेसर मोहम्मद मोअज्जमुद्दीन ने मुख्य अतिथि के रूप में तथा संस्थान के पूर्व उप निदेशक डॉ. राहत रज़ा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल रहे।

इस अवसर पर संस्‍थान के राजभाषा प्रभारी डॉ. अनवर जमाल ने अपना स्‍वागत संबोधन प्रस्‍तुत करते हुए हिंदी कार्यशाला के आयोजन का उददेश्‍य तथा संस्‍थान के सभी अनुभागों में हिंदी में किए जा रहे कार्य की प्रगति के बारे में बताया। कार्यक्रम की अध्‍यक्षता करते हुए संस्‍थान के प्रभारी एवं उपनिदेशक डॅा. ज़ियाउल हक़ सिद्दीकी ने कार्यशाला के मुख्य अथिति एवं विशिष्ट अतिथि का पुष्पगुच्छ द्वारा स्‍वागत किया। प्रभारी महोदय ने अपना संबोधन प्रस्‍तुत करते हुए सभागार में उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हार्दिक अभिनंदन किया तथा अपना बहुमूल्‍य समय प्रदान करने के लिए मुख्य अथिति महोदय के प्रति आभार भी व्‍यक्‍त किया।

इस अवसर डॉ. राहत रज़ा ने संस्थान में हिंदी मे हो रहे कार्य की प्रगति पर राजभाषा प्रभारी के साथ सभी स्टाफ को बधाई देते हुए भविष्य में शत प्रतिशत हिंदी में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित भी किया। कार्यशाला के अतिथि वक्ता प्रोफेसर मोहम्मद मोअज्जमुद्दीन ने “सरकारी कामकाज के तकनीकी कार्यों में सरल हिंदी का प्रयोग” विषय पर अपना विस्तृत व्याख्यान प्रस्‍तुत किया।

मोहम्मद मोअज्जमुद्दीन ने कार्यशाला में अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए भाषा और उसके महत्व तथा देश एवं विदेश में भाषाओं के राजवंश (खानदान), राष्ट्रभाषा एवं राजभाषा में अंतर के अतिरिक्‍त हिंदी राजभाषा की आवश्यकता एवं उसके विकास में आने वाली बाधाओं एवं उनके निराकरण पर भी विस्तृत चर्चा की। व्याख्यान के पश्चात अतिथि वक्ता को संस्थान की ओर उप निदेशक ने स्‍मृति चिन्‍ह भी भेंट किया।

कार्यशाला में इस तथ्य पर संतोष व्यक्त किया गया कि कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों के अतिरिक्‍त में संस्थान में कार्यरत अन्‍य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने एकीकृत रूप से अपने अनुभाग से संबंधित समस्‍त कार्यों को अधिक से अधिक हिंदी भाषा में करने का संकल्प लिया।

कार्यशाला के दौरान सभागार में संस्‍थान के अनुसंधान अधिकारी डॉ. जकी अहमद सिद्दीकी, डॉ. अब्दुर रहीम, डॉ. निगहत अंजुम, डॉ. शाइस्ता उरूज, डॉ. मीना कुमारी नायक, डॉ. प्रियंका वर्मा, डॉ. स्‍मिता कुमारी, तकनीकी अधिकारी डॉ. वसीम अहमद, डॉ. साजिद एवं रिसर्च एसोसिएट डॉ. सफदर, डॉ. नोमान के अतिरिक्‍त कार्यालय के अब्‍बासी, इब्राहीम, हरीराम मीणा एवं अन्य स्‍टॉफ उपस्थित रहे।

कार्यशाला का संचालन डॉ. अनवर जमाल ने किया एवं समापन डॉ. जकी अहमद सिद्दीकी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।