देश और दिल्ली में महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोत्तरी: डॉ रागिनी नायक

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता डॉ रागिनी नायक ने प्रदेश कार्यलय में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि 19 मेट्रोपोलिटन शहरों में महिलाओं के अपराधों में दिल्ली पहले नम्बर पर है। यहां 3 बलात्कार रोज हो रहे हैं।

नई दिल्ली(नया भारत 24 ब्यूरो)अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता डॉ रागिनी नायक ने प्रदेश कार्यलय में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि देश और दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण, सम्मान के लिए बड़े-बड़े वायदे करने वाली भाजपा और आम आदमी पार्टी की सरकारों के निष्क्रिय प्रशासन और गैरजिम्मेदारियां के कारण देश और दिल्ली में महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोत्तरी के चलते भय का माहौल पनप रहा है। दिल्ली में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधिक मामलों में भाजपा की केन्द्र सरकार और दिल्ली की केजरीवाल की साझा जिम्मेदारी है ।

डॉ रागिनी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 2020-2022 में एनसीआरबी की रिपोर्ट में देश के 19 मेट्रोपोलिटन शहरों में महिलाओं के अपराधों में दिल्ली पहले नम्बर पर है। यहां 3 बलात्कार रोज हो रहे हैं। 2022 में राजधानी में महिलाओं के खिलाफ 14,247 अपराध हुए। यहॉं अपराध दर 144.4 प्रतिशत है जो देश की औसत अपराध दर 66.4 प्रतिशत से कहीं ज्यादा है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार देश में प्रतिदिन 86 बलात्कार होते हैं और 2019-22 के बीच नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाऐं 96 प्रतिशत बढ़ी हैं।

डॉ रागिनी नायक ने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि तथ्यों के ज़रिए महिला सुरक्षा की भयावह सच्चाई दर्शाना ज़रूरी है

  • 30 मई 2024 को 25 वर्षीय महिला को सदर क्षेत्र में ई रिक्शा चालक द्वारा नशीला पदार्थ खिलाने के बाद बलात्कार किया और उसे ईंट से उसका सर फोड़ा उसके 3 साल के बच्चे के सामने।
  • 28 जून 2024 को नरेला में 10 साल की बेटी के सामूहिक बलात्कार करके उसकी हत्या कर दी गयी और चेहरा ऐसे कुचला कि पहचानना मुश्किल था।
  • 26 जुलाई 2024 को द्वारका में 14 साल की लड़की का बलात्कार करके उसे अपार्टमेंट की पांचवी मंजिल से नीचे फेंक दिया।
  • 21 अगस्त 2024 को बवाना में 4 साल की छोटी बच्ची का अपहरण करके उसका बलात्कार किया गया।
  • 24 अगस्त 2024 को अम्बेडकर नगर में 7 साल की लड़की से एक 72 वर्षीय वृद्ध एक महीने से बलात्कार कर रहा था।

उन्होंने कहा कि बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की ऐसी भयावह स्थिति है कि देश की राजधानी दिल्ली में यह कहना अतिश्योक्ति नही होगी कि आज दिल्ली की आधी आबादी का जीवन डर के साए में बीत रहा है। कभी भीड़ का डर, तो कभी सुनसान रास्तों का डर, घर के भीतर का डर, घर की चौखट लांगने का डर, दिन दहाड़े डर, तो रात के सन्नाटे का डर, बचपन में डर, जवानी में डर, बुढ़ापे का डर। इस डर खौफ, भय की सांझी जिम्मेदारी केन्द्र में बैठी मोदी सरकार, जिसके लगातार तीसरी बार 7 सांसद जीते है और दिल्ली में काबिज केजरीवाल सरकार की है। इन दोनो नेताओं के मुँह से महिला सुरक्षा, सम्मान, और सशक्तिकरण पर वादे करते हुए बड़े-बड़े नारे देते हुए थकते नही थे, पर जब महिलाअें ने अपने विश्वास की चाबी इन्हें सौंपी तो इनके नाम बड़े और दर्शन छोटै निकले।

डॉ रागिनी नायक ने कहा कि ‘बहुत हुआ नारी पर वार’ – ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जैसे तमाम नारे जो सत्ता और कुर्सी पर काबिज होने के लिए मोदी जी ने लगाए थे वो आज खोखले साबित हो गए है कि जनता त्राहि माम – त्राहि माम करते हुए कह रही है कि बचेंगी बेटियां तभी तो पढ़ेंगी बेटियां और असल में भाजपा से बेटियों को बचाने की जरुरत है।

जिस देश का प्रधानमंत्री मॉस रेपिस्ट प्रज्जवल रेवाना के लिए मंच से वोट मांगते है, किसी की धर्मपत्नी को 50 करोड़ की गर्ल फ्रेंड कहते हों, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा को कांग्रेस की विधवा कहता हो, एक सांसद को सूर्पनखां कहता है जिसकी छत्रछाया भ्रष्टाचारियों के साथ-साथ बलात्कारियों के पाप धाने की वाशिंग मशीन बन गई हो। कुलदीप सिंह सैन्गर से लेकर ब्रजुभूषण शरण सिंह शर्मा को संरक्षण दिया जाता हो