ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस की बैठक आयोजित

बैठक में प्रोफेसर मुहम्मद मुज़ाहिर आलम ने अपने उपयोगी सुझावों से नवाज़ा

लगभग पचास प्रतिशत बीमारी का निदान उम्र के आधार पर होता है:प्रोफेसर मुहम्मद मुज़ाहिर आलम

नई दिल्ली(नया भारत 24 डेस्क)इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस की बैठक में भारत सरकार के बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन, एनसीआईएसएम के सदस्य प्रोफेसर मुहम्मद मुज़ाहिर आलम ने यूनानी चिकित्सा से जुड़े लोगों को उपयोगी सलाह दी और यूनानी चिकित्सा को बढ़ावा देने के साथ-साथ लोगो तक युनानी चिकित्सा पहुँचाने पर ज़ोर दिया और कहा कि यूनानी शिक्षा प्राप्त चिकित्सक लोगो कि सेवा करने के आलावा नब्ज़ के इल्म में महारत हासिल करके नब्ज़ के द्वारा रोग का पता लगाएं।

उन्होंने कहा कि कारुराह व ब्राज़ के मुईना का इल्म भी हासिल करे, तथा तिब पर रिसर्च भी करे.उन्होंने आगे कहा कि स्वभाव और मिश्रण के आधार पर, उम्र के आधार पर प्रश्नों की सूची बनाकर इलाज करें, क्योंकि लगभग पचास प्रतिशत बीमारी का निदान इसी आधार पर होता है।अन्य उन्नत मूल्यांकन साधनों की अनुमति है लेकिन उन्नत प्रौद्योगिकी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

इस अवसर पर ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ. संजय ढींगरा ने प्रोफेसर मुहम्मद मुज़ाहिर आलम का स्वागत किया और हमारे अनुरोध पर ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस की बैठक में भाग लेने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।उन्होंने कहा कि एनसीआईएसएम में प्रोफेसर मजाहिर आलम का प्रतिनिधित्व हमारे लिए संतुष्टि का स्रोत है क्योंकि वह न केवल एक प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं बल्कि इन्हें यूनानी चिकित्सा से भी काफी लगाव है।

डॉ. ढींगरा ने कहा कि जब एनसीआईएसएम का गठन हुआ तो एक भी सदस्य एनसीआईएसएम में नहीं था हमने प्रयास किया और अब हमें प्रोफेसर मुहम्मद मजाहिर आलम के रूप में पहला प्रतिभाशाली सदस्य मिल गया है। उन्होंने आगे कहा कि हमारा प्रयास है कि एनसीआईएसएम में यूनानी चिकित्सा को संतुलित प्रतिनिधित्व मिले।उन्होंने कहा कि केंद्रीय आयुष विभाग के तहत एक आयोग स्थापित है.उम्मीद है कि हमें पहले की तरह शिकायत का मौका नहीं मिलेगा.बैठक में ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉ. सैयद अहमद खान ने बैठक में भाग लेने वालों का शुक्रिया अदा किया.