महिलाएं भारत के भविष्य की नींव हैं।

मिरांडा हाउस में ‘इनोवेशन एंड सस्टेनेबल कम्युनिकेशन’ शीर्षक से आयोजित दो दिवसीय कॉन्फ्रेंसन के समापन समारोह में प्रतिभागियों ने अपने विचार व्यक्त किए

नई दिल्ली:दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के मिरांडा हाउस और स्टेप नामी एनजीओ द्वारा आयोजित दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का सफलतापूर्वक समापन हो गया। कार्यक्रम के दौरान नवाचार और टिकाऊ संचार के साथ-साथ पर्यावरणीय चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन को कम करने, अपशिष्ट को कम करने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर चर्चा की गई। सम्मेलन में अपशिष्ट प्रबंधन और महिला उद्यमियों के लिए पर्यावरण जैसे मुद्दों के साथ-साथ शासन और सामाजिक परिस्थितियों में सहयोग, सलाह और निवेश के अवसरों में वृद्धि पर भी चर्चा की गई।

स्टेप संस्थापक रेनू शाह ने स्थायी संचार को बढ़ावा देने के लिए एक आंदोलन का नेतृत्व करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं भारत के भविष्य की नींव हैं। वह कहती हैं कि महिलाएं जलवायु संकट का स्थायी समाधान खोजने में अग्रणी हैं।

मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल प्रोफेसर बिजय लक्ष्मी नंदा ने कहा कि एक उच्च शिक्षा संस्थान होने के नाते हमारा निरंतर प्रयास है कि हम छात्रों में सतत विकास के मूल्यों को विकसित करें और एक ऐसा समाज बनाएं जहां हर कोई पर्यावरण के लिए जिम्मेदार हो ।उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का समाधान शिक्षा, नवाचार और सामूहिक प्रयास से आएगा, जिसे हमें आज ही शुरू करना होगा।

वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव संजीव सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत सरकार पर्यावरण अनुकूल कंपनी मॉडल के साथ है. हम महिला उद्यमियों की मदद से इस दिशा में काम कर रहे हैं।

वाणिज्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव आरती भटनागर का कहना है कि महिला उद्यमियों का योगदान सिर्फ इनोवेशन में ही नहीं बल्कि भारत को बदलने और नई दिशा देने में भी है।