नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित महापंचायत के बैनर तले किसानों ने अपने आंदोलन को मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की घोषणा की, देशभर में केंद्र की किसान विरोधी नीतियों को किसानों के दुख-दर्द के लिए जिम्मेदार ठहराया
नई दिल्ली(नया भारत 24 ब्यूरो)ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन (एआईकेकेएमएस) के आह्वान पर आज नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ऑल इंडिया किसान महापंचायत के बैनर तले किसानों ने केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया और अपने आंदोलन को मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की घोषणा की। आगामी 17 नवंबर को लाला लाजपत राय की बरसी पर किसान पूरे देश में जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे। 26 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ मिलकर विरोध दिवस आयोजित किया जाएगा। फरवरी 2025 में किसान प्रदेश राजधानियों में राजभवनों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इस महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल सहित 21 राज्यों से हजारों किसान और खेत मजदूर अपनी मांगों को लेकर एकत्र हुए।
महापंचायत में किसान संगठन के नेता जयकरण माण्डौठी द्वारा पेश मुख्य प्रस्ताव में एमएसपी का कानून बनाने और कृषि उपज की सरकारी खरीद सी2+50 प्रतिशत एमएसपी पर करने, बिजली बिल 2023 को निरस्त करने और स्मार्ट मीटर योजना को वापस लेने, कृषि उपयोगी चीजों को सस्ता करने, जीएम बीजों पर रोक लगाने, ग्रामीण गरीबों को पूरे साल रोजगार और पर्याप्त मजदूरी देने, किसानों को ऋण मुक्त करने और पेंशन देने, सिंघु व टिकरी बॉर्डरों पर किसान शहीद स्मारक बनाने आदि मांगों पर सशक्त आन्दोलन तेज करने का संकल्प सर्वसम्मति से पारित किया गया। एक अन्य प्रस्ताव पारित कर आसाम की ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में हर साल बाढ़ से होने वाली भीषण तबाही को रोकने की मांग की गई। केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा देश में चार लेबर कोड पर रोक लगाने की मांग का समर्थन किया गया।
एआईकेकेएमएस के महासचिव शंकर घोष ने अपने उद्घाटन भाषण में केंद्र की फासीवादी भाजपा सरकार की एकाधिकार पूंजीपतिपरस्त व किसान -विरोधी नीतियों को किसानों की पीड़ा और कष्टों के लिए जिम्मेदार ठहराया और इनके खिलाफ तत्काल एक शक्तिशाली किसान आंदोलन खड़ा करने कि महत्व बताया।
मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध किसान नेता और एआईकेकेएमएस के अध्यक्ष सत्यवान ने भाजपा सरकार की कृषि नीतियों का पर्दाफाश किया जिनके चलते किसानों का जीवन बद से बदतर हुआ है। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले साझे किसान आंदोलनों की आवश्यकता पर जोर दिया।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के अन्य प्रमुख नेता बलबीर सिंह राजेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां और प्रेम सिंह गहलावत ने भी किसान महापंचायत को सम्बोधित किया। किसान नेता अशोक ढवले के लिखित सन्देश को पढ़ कर सुनाया गया।
किसान महापंचायत के अध्यक्ष रघुनाथ दास ने किसान आंदोलन के शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए किसानों से आगे आने की अपील की।
इस मौके पर देशभर से बड़ी संख्या में किसानों ने किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्र सरकार के खिलाफ अपना रोष जताया